मरियम के निष्कलंक हृदय को समर्पण
हे माँ मरियम, ईश्वर की और हमारी माता, हम, इस संकट की घड़ी में, तेरी ओर सहायता हेतु आते हैं।तू माँ है, तू हमें प्रेम करती और हमें जानती हैः हमारे हृदय की कुछ भी बातें तुझसे छुपी नहीं हैं। करूणामयी माँ, हमने कई बार तेरी कोमलता का अनुभव किया है,तेरी उपस्थिति हमारे जीवन में शांति लाती है, क्योंकि तू हमें सदैव शांति के राजकुमार येसु की ओर ले चलती है।
लेकिन हम शांति का रास्ता खो चुके हैं। हमने अतीत की त्रासदियों से मिली सीख को भुला दिया है, जहाँ विश्व युद्धों में लाखों लोगों को अपने प्राणों की आहूति दी।हमने समुदाय स्वरूप देशों की निष्ठा को नजरअदांज किया और लोगों की शांति और युवाओं के आशा भरे सपनों के संग धोखा किया है। हम लालच के शिकार हुए, हमने अपने को राष्ट्रवादी हित में बंद कर लिया, हमने अपने को उदासीनता और स्वार्थ की भावना से ग्रसित होने दिया। हमने ईश्वर को अनदेखा किया, अपनी झूठ में जीवन व्यतीत करते हुए, आक्रमकता को बढ़ावा दिया, जीवन को कुचला और हथियार जमा करना पसंद किया,हमने इस बात को भूला दिया कि हम अपने पड़ोसी और अपने आमघर के संरक्षक हैं। हमने पृथ्वी रूपी वाटिका को युद्ध से तहस-नहस कर दिया है,हमनेपापों से अपने पिता के हृदय को घायल कर दिया है,जो हमसे भाइयों और बहनों के रूप में बने रहने की चाह रखते हैं। हम स्वयं को छोड़हर चीज और हर जन के प्रति उदासीन हो गए हैं। और अपनी लज्जा में हम कहते हैं: हे प्रभु, हमें क्षमा कर।
पापों की दुर्दशा में, हमारे प्रयासों और कमजोरियों में,बुराई और अधर्म भरे युद्ध केरहस्य में,तू,पवित्र माँ, हमें याद दिला कि ईश्वर हमें नहीं छोड़ते हैं,लेकिन प्रेम से हमारी ओर देखते,हमें माफ करतेऔर पुनः हमें उठाने की चाह रखते हैं। ये वे हैं जिन्होंने हमें तुझे दिया है और तेरेनिष्कलंक हृदय को कलीसिया और मानवता के लिए एक शरणस्थल बनाया है। दिव्य कृपा में तू हमारे साथ है और इतिहास के अति संकरे मोड़ में भी तू कोमलता के साथ हमारा नेतृत्व करती है।
अतः हम तेरी ओर दौड़े आते हैं, हम तेरे हृदय द्वार को खटखटाते हैं, तेरी संतान जो तेरे पास आने और अपने में मन-फिराव की मांग करने हेतु नहीं थकते हैं। अंधकार के इस क्षण में, हमारी मदद करने और हमें सांत्वना देने आ। हम सभी के लिए इस बात को दुहरा, “क्या मैं यहाँ, तुम्हारी माँ नहीं हूँ ?” तू हमारे हृदय औरसमय के बंधनों को खोलना जानती है। हम अपना विश्वास तुझे अर्पित करते हैं। हम निश्चित रुप से यह जानते हैं, कि विशेषकर, तकलीफों के समय में तू हमारे निवेदनों को अस्वीकार नहीं करती बल्कि हमारी मदद करती है।
तूने गलीलिया के काना में ऐसा ही किया, जब येसु कोतूनेशीघ्र हस्तक्षेप करने हेतु आग्रह किया और विश्व में उनके प्रथम चमत्कार की परिचारिका बनी। जब त्योहार गम में बदल गया था तो तूने कहा,“उनके पास अंगूरी नहीं है” (यो. 2.3)। ईश्वर से पुनः यही निवेदन कर, हे माँ, क्योंकि आज आशा रुपी हमारी अंगूरी खत्म हो चली है, हमारी खुशी लुप्त हो गई है, भ्रातृत्व की भावना सूख गई है। हमने मानवता खो दी है, हमने शांति को बर्बाद कर दिया है। हम हर तरह की हिंसा और तबाही के लिए तैयार हो गए हैं। हमें तेरेमातृत्वमय हस्तक्षेप की अति आवश्यकता है।
हे माँ, अतः हमारे इस निवेदन को स्वीकार कर।
तू, सागर का तारा, हमें युद्ध के तूफान में नष्ट होने न दे।
तू, नये विधान की मंजूषा, मेल-मिलाप की परियोजना और राहों को प्रेरित कर।
तू, “स्वर्ग धरा”, ईश्वरीय एकता को दुनिया में पुनः स्थापित कर।
हमारे बीच से घृणा, प्रतिकार खत्म कर, हमें क्षमा की शिक्षा दे।
हमें युद्ध से मुक्त कर, विश्व को परमाणु खतरे से बचा।
रोजरी की रानी, हममें प्रार्थना और प्रेम की चाहत जगा।
मानवता की रानी, लोगों को भ्रातृत्व के मार्ग दिखा।
शांति की रानी, विश्व में शांति स्थापित कर।
तेरे आंसू,हे माँ, हमारे कठोर हृदय को नरम करे। वे आंसू जिसे तूने हमारे लिए बहाया है इस घाटी को पुनः पुष्पित करे जिसे घृणा से सूखा दिया है। और जहाँ हथियारों के गर्जन चुप नहीं होते, तेरी प्रार्थना हमें शांति से भर दे। तेरी ममतामयी स्पर्श उनके साथ हो जो बमधमाकों से प्रभावित भागने को विवश हैं। तेरे मातृत्व का आलिंगन उन्हें सांत्वना प्रदान करे जो अपने घर और देश को छोड़ने हेतु बाध्य हैं। तेरा दुःखदायी हृदय हमें करूणा से भर दे और हमें अपने द्वारों को खोलने हेतु प्रेरित करे जिससे हम घायलों और तिरस्कृत मानवता की सेवा कर सकें।
ईश्वर की पवित्र माँ, क्रूस के नीचे येसु ने अपने शिष्य की ओर इंगित करते हुए तुझसे कहा,“देखिए यह आपका पुत्र है” (यो. 19.26)। इस भांति उन्होंने हम सभी को तुझे सौंप दिया। तब अपने शिष्य, हमसभीसे उन्होंने कहा, “देखो, यह तुम्हारी माता है” (27)। माँ, हम तुझे अपने जीवन इतिहास में स्वागत करना चाहते हैं। इस समय मानवता, थकी हुई और व्याकुल, आपके साथ क्रूस के नीचे है। वह अपने को तुझे निछावर करती है जिससे वहतेरे द्वारा येसु ख्रीस्त को समर्पित हो। यूक्रेन और रूस के लोग, जो प्रेम से तेरी आराधना करते हैं, तेरे पास दौड़े आते हैं, जबकि तेरा दिल उनके लिए धड़कता है जो युद्ध, भूख, अन्याय और दुःख से अपंगहैं।
अतः हम, ईश्वरऔर हमारी माता, हम निष्ठावान हृदय से स्वयं को, कलीसिया को और पूरी मानवता को, विशेष रूप से रूस और यूक्रेन को तेरेनिष्कलंक हृदय को समर्पित करते हैं। हमारे इस समर्पण को स्वीकार कर जिसे हम विश्वास और प्रेम में तुझे अर्पित करते हैं, युद्ध को खत्मकर, विश्व को शांति प्रदान कर।तेरे हृदय से निकले हाँ ने शांति के राजकुमार हेतु इतिहास का द्वार खोल दिया, हमें विश्वास है कि पुनः, तेरे हृदय से, शांति आएगी। इसलिएहम पूरे मानव परिवार के भविष्य, लोगों की जरूरतों और अपेक्षाओं को, दुनिया की चिंताओं और आशाओं को तुझे समर्पित करते हैं।
तुझ से दिव्य करूणा इस धरती पर प्रवाहित होती है और शांति के सुमधुर ताल हमारे जीवन को स्थापित करने हेतु लौट कर आते हैं। हाँ की नारी, जिस पर पवित्र आत्मा उतरा, हमारे लिए ईश्वरीय एकता पुनः स्थापित कर। यह हमारे हृदय की प्यास बुझायेगीक्योंकि तू “जीवंत आशा का स्रोत है”। तूने मानवता को येसु से संयुक्त किया, हमें एकता के शिल्पकार बना। तू हमारी राहों में चली, हमें शांति की राहों पर ले चल। आमेन।